हम दुःखी क्यों हैं? आत्मा में पावर लाकर सुखी कैसे बनें – बेहद ज्ञान से समाधान

बेहद की परम परम महाशान्ति है..!!!

हम दुःखी क्यों हैं?

हम सब दुःखी हैं,क्योंकि सुखी होने का रास्ता ही कोई नहीं जानता। हम मन,वचन, कर्म से जो कर्म करते हैं उन कर्मो का हिसाब-किताब जब हमारे सामने आता है तो हम दुःखी हो जाते हैं। याने अपने ही कर्मो के कारण हम दुःखी हैं।

कर्मों की गुह्य गति का राज सब जानते हैं। कॉमन से कॉमन लोग भी जानते हैं कि अच्छे कर्म करने चाहिए। हम जो कर्म करते हैं उसी का परिणाम लौट कर आता है। जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है।

यह बात सब जानते हैं कि हमें अच्छे कर्म करने चाहिये, श्रेष्ठ कर्म करने चाहिये और करना भी चाहते हैं पर कोई परिस्थिति या कारण ऐसा बनता है कि कर नही पाते। क्यों नहीं कर पाते? क्योंकि आत्मा में पावर की कमी है। आत्मा में शक्ति नहीं है।

आत्मा में पावर की कमी क्यों है?

क्योंकि अपने आप को देह समझते हैं आत्मा नहीं समझते। जब हम अपने को देह समझते हैं तो दुःख आता है और दुःख देने वाले कौन हैं? देह और देह के सम्बंध। हम देह और देह के सम्बन्धों के मोह में फंस जाते हैं इसलिये हम दुःखी हो जाते हैं।

आत्मा में पावर कैसे आएगी ?

ऐसा कौन सा कर्म करें कि हम सुखी हो जायें ?

जहां तक 5 तत्वों की दुनिया है। जहाँ तक साइंस के साधन जाते हैं वहां तक पावर नही है। 5 तत्वों की दुनिया मे रहकर सुखी होना तो बहुत मुश्किल है। अगर 5 तत्वों में रहकर भी सुखी रहना चाहते हो तो उसकी चाबी क्या है? हम सुखी कैसे हो सकते हैं ?

आत्मा को पावर चाहिये। आत्मा के अंदर पावर नही होगी तो हम सुखी नही हो सकते। मन को पावर चाहिए। पावर से शक्ति आती है। शक्ति स्वरूप बनने के लिये हम अपने आप को आत्मा समझें..नष्टो मोहा बनें। अपने आप को जानें कि हमें कौन से कर्म करने हैं और श्रेष्ठ कर्म क्या हैं?

सबसे श्रेष्ठ कर्म है अपने को आत्मा मानना और आत्म स्वरूप धारण करके रहना। आत्मा को पावर चाहिये.. परम तत्व चाहिए। जहां परम् तत्वों की मात्रा है वहाँ से परम तत्व लाने पड़ेंगे। पृथ्वी से 150 अरब प्रकाश वर्ष ऊपर अपने आप को इमर्ज करें क्यूंकि वहाँ परम तत्व हैं,परम लाइट है, परम् प्रकाश है तथा पावर ही पावर है। परम तत्वों को याद करने से हमारी आत्मा के अंदर पावर भर जाएगी।

जब आत्मा में पावर आ जाएगी तो हम सुखी कैसे हो जाएंगे?

जब आत्मा पावर से भर जाएगी तो हमारे मन के अंदर पावर आएगी। जिससे हमारी बुद्धि अच्छी हो जाएगी। बुद्धि अच्छी होगी तो अच्छे कर्म करेगी। अच्छे कर्म करने से व श्रेष्ठ कर्म करने से शक्तियां multiple हो जाएंगी ।हमारी आत्मा में संकल्प शक्ति आएगी और हम संकल्प मात्र से सब कुछ प्राप्त कर लेंगे। हमें सुख-शांति का अनुभव होगा और जो हमें याद करेगा उसे भी पावर मिलेगी। हमारे प्रति लोगों की भावना चेंज हो जाएगी। लोग हमें कहेंगे कि तुम्हें याद करने से सुख-शान्ति मिलती है। तब हमारे अंदर और पावर आएगी और हम बुद्धि से दिव्य लोक में रहेंगे। परम तत्व उतारेंगे और निर्संकल्प बनेंगें, कम से कम सोचेंगे। लोगों को पावर बाँटेंगे जिससे कि हम जितना सुख बाँटेंगे उतना सुख मिलेगा।

अर्थात आत्मा में पावर आते ही कर्म बदल जाता है। कर्म बदलने से आत्मा दुःखी से सुखी हो जाती है। आत्मा में पावर नही होती तो कर्म भी नही बदल सकते।

परमशान्ति

🙏🙏

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